Saturday, July 30, 2011

मुसलमानों का छल-कपट


मुसलमानों का छल-कपट ,विश्वासघात ,मक्कारी और धोखे की नीति दुनिया भर में कुख्यात है .ऐसे कई उदाहरण मिल जायेंगे कि जिसने भी मुसलमानों की कसमों या उनकी बातों पर विशवास किया ,उसे जरूर किसी संकट का सामना करना पडा .
अक्सर मुसलमान यह बात कहते हैं ,कि हम तो अपने ईमान के पक्के हैं .क्योंकि मुसलमान शब्द का मतलब ही है "मुसल्लम ईमान "यानी पूरा ईमान .लोग गलती से ईमान का तात्पर्य उनकी Honesty सत्यवादिता Truthfullness ,या उनकी आस्था Creed समझ लेते हैं .

लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि ,मुसलमानों के दो गुप्त ईमान policies हैं और भी हैं ,जिनका प्रयोग मुसलमान खुद को बचाने और दूसरों को धोखा देने में करते हैं .मुसलमानों कि इन दो नीतियों Policies या ईमान का नाम है ,तकिय्या और कितमान .इनका विवरण इस प्रकार है -
1 -तकिय्या تقيه Taqiyya

इसका अर्थ है छल Deception ,ढोंग ,ढकोसला Subterrefuge दिखावा ,सत्य को नकारना ,बहाने बनाना आदि हैं

उदाहरण -जब किसी इस्लामी किताब में कोई खराब बात बताई जाती है ,तो मुसलमान कसते है कि ,अनुवाद गलत है ,अमुक शब्द का अर्थ कुछ और है,हम इस फतवे या हदीस को नहीं मानते ,या यह आयत मंसूख (रद्द )हो चुकी है .आदि

2 -कितमान كِتمان Kitaman

इसका अर्थ है आड़ Concealment झूठ Lying मिथ्या आरोप लगाना Fals blamming और Ommission आदि

उदाहरण -जब मुसलमानों की गलतियाँ पकड़ी जाती हैं ,तो वह खुद को निर्दोष साबित करने लिए दूरारों में वही गलतियां बताने लगते है ,और लोगों को गुमराह करने के लिए गालीगालोच करने लगते हैं ,दवाब डालने के लिए हंग्गामा करते हैं ,हिंसा करते है .आदि

हमें मुसलमानों की इन चालबाजियों ,मक्कारियों और कपट से सावधान रहना चाहिए .क्योंकि अल्लाह भी मक्कार है .देखिये-

3 -अल्लाह की मक्कारी से सावधान रहो

"क्या लोग अल्लाह की छुपी हुई चालों (मक्कारी )से बेफिक्र हो गए हैं ,अल्ला की चालों (मक्कारी )से जो लोग बेफिक्र हो जाते है ,वे जरूर घाटे में पड़ जाते हैं सूरा अल आराफ -7 :99

4 -अल्लाह सबसे बड़ा मक्कार है

"अल्ल्लाह लोगोंकी बातों को ताड़ता रहता है ,और गुप्त चालें (मक्कारी )चलता रहता है ,बेशक अल्लाह सबसे बढ़ कर चालें चलने वाला (मक्कार )है "सूरा आले इमरान -3 :54

5 -मुसलमान कपटी हैं -

"जो तुम्हारे दिलों में गुप्त योजनायें हैं ,तुम चाहो तो उन्हें छुपालो ,या चाहो तो प्रकट कर दो ,क्योंकि ज़मीन और आसमान के बीच जो कुछ है उसपर तुम्हारा ही अधिकार है "सूरा -आले इमरान 3 :28

6 -अपने वादे तोड़ दो

"तुम जो कसमे खाते हो तो अल्लाह तुम्हें खायी गयी कसमों को तोड़ने पर नहीं पकड़ेगा "सूरा -बकरा 2 :225

"अल्लाह ने तुमको तुम्हारी खायी गयी कसमों से मुक्त करना जरूरी समझा है ,अब तुम अपनी कसमे तोड़ सकते हो .क्योंकि करता धरता तो अलाह ही है .और अल्लाह बड़ा ज्ञान वाला है "सूरा -अत तहरिम 66 :2

7 -नमाज भी एक ढोंग है -

"और जब वे (मुसलमान )नमाज के लिए खड़े होते हैं ,तो बेमन से कसमसाते हुए दिखाने के लिए खड़े होते हैं ,वे अल्लाह को थोड़े ही याद करते हैं ,वे तो सिर्फ नमाज का दिखावा करते हैं .सूरा -निसा 4 :142

8 -धोखे से क़त्ल करो

"एक ईमान वाले (मुसलमान )ने फिरौन के सामने अपना ईमान छुपाया और फिर खुद को फिरौन का आदमी बताया ,फिर फिरौन के एक आदमी को क़त्ल कर दिया "सूरा -अल मोमिनीन 40 :28

9 -मुसलमान किसी के मित्र नहीं होते

"ईमानवालों को चाहिए कि वे किसी भी बे ईमान वाले (गैर मुस्लिम )को दोस्त या अपना संरक्षक नहीं समझें "सूरा -आले इमरान 3 :28

10 -मुहम्मद का विश्वासघात

इब्ने जरीर ने कहा कि रसूल ने कहा कि युद्ध एक छल है war is deciet हम चल से ही जीतते हैं रसूल ने पाहिले तो लोगों को सुरक्षित जाने की कसम खाई फिर तीस लोगों को धोखे से क़त्ल करावा दिया बुखारी -जिल्द 4 किताब 52 हदीस 269 -270

"जरीर बिन अब्दुला ने कहाकि रसूल ने काब बिन अशरफ नामके एक शायर को घर से मित्रता के लिए बुलवाया .फिर उस्काके इतर को सूँघके बहाने उसको जकड लिया और क़त्ल करवा दिया .बुखारी -जिल्द 5 किताब 59 हदीस 369

"अल्बरा बिन अजीब ने कहा कि रसूल ने अबू रफीक बिन अतीक के पास अपने लोगों को रात में भेजा .उन लोगों ने कहा रसूल बात करना चाहते हैं रफीक घर में सो रहा था .सहाबियों ने उसे जगा कर बहार बुलाया और क़त्ल कर दिया .बुखारी -जिल्द 5 किताब 369

तबरी -इब्ने इशाक -पेज 981 और इब्ने इशाक जिल्द 2 पेज 834 -857

11 -शान्ति की आड़ में आतंक

"उम्मे कुलसुम ने कहा कि रसूल ने कहा कि हमेशा शान्ति और मैत्री की ऎसी बातें करते रहो जो लोगों को अच्छी लगें ,चाहे वे बातें झूठी ही क्यों न हों .शान्ति की झूठी बातें करना गुनाह नहीं ,जायज हैं .बुखारी -जिल्द 3 किताब 49 हदीस 857

"अब्दुल्ला बिन अम्र ने कहा कि रसूल ने अली को समझाया कि ,हुकूमत को कायम रखने ,और ऊंचा मुकाम हासिल करने के लिए ,और दुश्मनों को धोखे में रखने के लिए शान्ति और मित्रता की झूठी बातें करने की इजाजत है .बुखारी -जिल्द 9 किताब 84 हदीस 64 और 65

12 -मुसलमानों के विशासघात के उदाहरण

1 -मुहम्मद गौरी ने 17 बार कुरआन की कसम खाई थी कि भारत पर हमला नहीं करेगा ,लेकिन हमला किया ]

2 -अलाउद्दीन खिलजी ने चित्तोड़ के राणा रतन सिंह को दोस्ती के बहाने बुलाया फिर क़त्ल कर दिया

3 -औरंगजेब ने शिवाजी को दोस्ती के बहाने आगरा बुलाया फिर धोखे से कैद कर लिया .

4 -औरंगजेब ने कुरआन की कसम खाकर श्री गोविन्द सिघ को आनद पुर से सुरक्षित जाने देने का वादा किया था .फिर हमला किया था

5 -अफजल खान ने दोस्ती के बहाने शिवाजी की ह्त्या का प्रयत्न किया था .

६-मित्रता की बातें कहकर पाकिस्तान ने कारगिल पर हमला किया था .

अगर हम इतिहास से सबक नहीं लेकर मुसलमानों की शांति और दोस्ती की बातोंमे आते रहे तो हमेशा नुकसान उठाते रहेंगे .

Tuesday, July 26, 2011

संस्कृत को राष्ट्रभाषा


1947 में भारतीय राष्ट्रभाषा के विषय पर बात की गई ....
जब पाकिस्तान ने उर्दू को राष्ट्रीय भाषा बनाया था....

उस समय दक्षिण भारत से एक व्यक्ति सामने आया जिसका नाम था अन्ना दुरई ...
एक communist थे... जिस कारण ज्यादा जन-आधार नहीं था उनके पास...
परन्तु उनकी एक Statement ने उनको इतना जन-आधार दिया की वो पूरे दक्षिण भारत में प्रसिद्ध हो गए....

उनकी मांग थी की संस्कृत को राष्ट्रभाषा बनाया जाए....
नेहरु ने कहा की "संस्कृत is an outdated language"

अन्ना दुरई ने कहा की कैसे.... "कौन सा ऐसा घर हैं जिसमे गायत्री महामंत्र नहीं बोला जाता.. या कौन सा ऐसा भारतीय है जो ॐ बोलना या उच्चारण न जानता हो ..."

परन्तु नेहरु और गाँधी ने उनकी मांग सिरे से ख़ारिज कर दी....
और 300 साल पुरानी भाषा हिंदी पूरे देश पर थोप दी गई ...
हिंदी जो की उर्दू और खडी बोली का एक मिश्रित और अपभ्रंश स्वरूप है ...

अब जहां जहां हिंदी नहीं थी, उनको ऐसा लगा की ये उनके साथ धोखा हुआ है .. संस्कृत के नाम पर सभी एकजुट थे क्योंकि सभी ब्व्हाशायें संस्कृत से ही बनी हैं ... .

अब यदि संस्कृत को राष्ट्रभाषा बनाया जाता तो मुख्यतः दो लाभ होते...
1. समस्त भारत से भाषा और प्रांतवाद का मुद्दा ख़त्म हो जाता...
संस्कृत के राष्ट्रभाषा होने के कारण आप किसी भी प्रदेश में जाकर सबसे संस्कृत में connect हो सकते थे... आज की तरह आपको भाषाओँ के कारण कोई समस्या न रहती ...

2. यदि संस्कृत को राष्ट्रभाषा बनाया जाता तो समस्त स्कूलों में संस्कृत पढ़ाई जाती और सभी अपने वेदों, उपनिषदों, पुराणों, धर्मग्रन्थों से प्रत्यक्ष रूप से जुड़ जाते... पढ़ पाते... और समझ पाते की सनातन धर्म और अन्य पैशाचिक धर्मो की शिक्षाओं में क्या अंतर है ...
सनातन धर्म और अन्य धर्मो की शिक्षाओं में क्या क्या भेद हैं ...

और नेहरु की यही नीति आज सबसे बड़ा जहर बन चुकी है ....

एक और प्रांतवाद और भाषा वाद के नाम पर लोग लड़ रहे हैं ...

दूसरी और.... 99.99% मुस्लमान अपने धर्मग्रन्थ उर्दू अरबी फारसी में पढ़ कर सब समझ जाते हैं की उन्हें क्या क्या करना है ??
और 99.99% हिन्दू कभी अपने धर्म-ग्रन्थों को छू भी नहीं पाते...

मुसलमानों को इतना पता होता है हिन्दू धर्म के बारे में...
जितना हिन्दुओं को ही पता नहीं होता....

एक 5 साल का बच्चा मस्जिद जाता है, उसका बाप लेकर जाता है ..
एक 10 साल का बच्चा उर्दू, अरबी, फारसी में कुरान, हदीश, शूरा आदि सब पढ़ता है ...
एक 15 साल का बच्चा रमजान के सारे रोजे रखता है ....

अब 80 वर्ष के कितने सनातन धर्मी होंगे जिन्होंने अपने जीवनकाल में कभी वेदों, का अध्ययन किया हो ....

प्रत्यंचा दीर्घ-कालीन समाधान के लिए संकल्परत है,
उसमे संसाधन उचित रूप से उपलब्ध नहीं हो पा रहे, .....
हम दीर्घ कालीन समाधान सोच रहे हैं .....
अल्पकालीन समाधानों से कुछ नहीं होने वाला....

Friday, July 22, 2011

देश को एक खतरनाक कानून से बचाएं !!


एक अलोकतांत्रिक, साम्प्रदायिक व देश के बहुसंख्यक समाज के ऊपर दमनकारी कानून - सांप्रदायिक हिंसा रोकथाम (न्याय एवं क्षतिपूर्ति) विधेयक 2011(‘Prevention of Communal and Targeted Violence (Access to Justice and Reparations) Bill,2011’) को जानें तथा एक व्यापक जन जागरण कर इसे संसद में पारित होने से रोकें:

इसमें माना है कि सांप्रदायिक समस्या केवल बहुसंख्यक समुदाय के सदस्य ही पैदा करते है। अल्पसंख्यक समुदाय का कोई व्यक्ति इसके लिए जिम्मेदार नहीं है।
बहुसंख्यक समुदाय के सदस्यों द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों के खिलाफ किए गए सांप्रदायिक अपराध तो दंडनीय है, किंतु अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों द्वारा बहुसंख्यकों के खिलाफ किए गए सांप्रदायिक अपराध दंडनीय नहीं है।
ऐसा इसलिए है, क्योंकि समूह की परिभाषा में बहुसंख्यक समुदाय के व्यक्तियों को शामिल नहीं किया गया है। बहुसंख्यक समुदाय का कोई व्यक्ति सांप्रदायिक हिंसा का शिकार नहीं हो सकता है।
अभियुक्त बहुसंख्यक समुदाय के ही होंगे। अधिनियम का अनुपालन एक ऐसे प्राधिकरण संस्था द्वारा किया जाएगा जिसमें निश्चित ही बहुसंख्यक समुदाय के सदस्य नगण्य या अल्पमत में होंगे।
पीड़ित के बयान केवल धारा 164 के तहत होंगे अर्थात अदालतों के सामने। यदि किसी व्यक्ति के ऊपर घृणा संबंधी प्रचार का आरोप लगता है तो उसे तब तक एक पूर्वधारणा के अनुसार दोषी माना जाएगा जब तक वह निर्दोष नहीं सिद्ध हो जाता। साफ है कि आरोप सबूत के समान होगा।
मुकदमे की कार्यवाही चलवाने वाले विशेष लोक अभियोजक सत्य की सहायता के लिए नहीं, बल्कि पीड़ित के हित में काम करेंगे।
शिकायतकर्ता पीडि़त का नाम और पहचान गुप्त रखी जाएगी। केस की प्रगति की रपट पुलिस शिकायतकर्ता को ही बताएगी।
एक गैर हिन्दू महिला के साथ किए गए दुर्व्यवहार को तो अपराध मानता है; परन्तु हिन्दू महिला के साथ किए गए बलात्कार को अपराध नहीं मानता जबकि साम्प्रदायिक दंगों में हिन्दू महिला का शील ही विधर्मियों के निशाने पर रहता है।
अल्पसंख्यक वर्ग के किसी व्यक्ति के अपराधिक कृत्य का शाब्दिक विरोध भी इस विधेयक के अन्तर्गत अपराध माना जायेगा। यानि अब अफजल गुरु को फांसी की मांग करना, बांग्लादेशी घुसपैठियों के निष्कासन की मांग करना, धर्मान्तरण पर रोक लगाने की मांग करना भी अपराध बन जायेगा।
भारतीय संविधान की मूल भावना के अनुसार किसी आरोपी को तब तक निरपराध माना जायेगा जब तक वह दोषी सिद्ध न हो जाये; परन्तु, इस विधेयक में आरोपी तब तक दोषी माना जायेगा जब तक वह अपने आपको निर्दोष सिद्ध न कर दे। इसका मतलब होगा कि किसी भी गैर हिन्दू के लिए अब किसी हिन्दू को जेल भेजना आसान हो जायेगा। वह केवल आरोप लगायेगा और पुलिस अधिकारी आरोपी हिन्दू को जेल में डाल देगा।
यदि किसी संगठन के कार्यकर्ता पर साम्प्रदायिक घृणा का कोई आरोप है तो उस संगठन के मुखिया पर भी शिकंजा कसा जा सकता है।
संगठित सांप्रदायिक और किसी समुदाय को लक्ष्य बनाकर की जाने वाली हिंसा इस कानून के तहत राज्य के भीतर आंतरिक उपद्रव के रूप में देखी जाएगी। इसका अर्थ है कि केंद्र सरकार ऐसी दशा में अनुच्छेद 355 का इस्तेमाल कर संबंधित राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने में सक्षम होगी। यदि प्रस्तावित बिल कानून बन जाता है तो केंद्र सरकार राज्य सरकारों के अधिकारों को हड़प लेगी।
विधेयक अगर पास हो जाता है तो हिन्दुओं का भारत में जीना दूभर हो जायेगा। देश द्रोही और हिन्दू द्रोही तत्व खुलकर भारत और हिन्दू समाज को समाप्त करने का षडयन्त्र करते रहेंगे; परन्तु हिन्दू संगठन इनको रोकना तो दूर इनके विरुध्द आवाज भी नहीं उठा पायेंगे। हिन्दू जब अपने आप को कहीं से भी संरक्षित नहीं पायेगा तो धर्मान्तरण का कुचक्र तेजी से प्रारम्भ हो जायेगा। इससे भी भयंकर स्थिति तब होगी जब सेना, पुलिस व प्रशासन इन अपराधियों को रोकने की जगह इनको संरक्षण देंगे और इनके हाथ की कठपुतली बन देशभक्त हिन्दू संगठनों के विरुध्द कार्यवाही करने के लिए मजबूर हो जायेंगे।

यूपीए अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की अध्यक्षा के नाते एक केविनेट मंत्री के बराबर दर्जे का वेतन, भत्ते तथा स्टेट्स के साथ सुख सुविधाएं पा रही हैं । इसी परिषद ने यह विधेयक तैयार किया है। इसके सदस्यों और सलाहकारों में हर्ष मंडेर, अनु आगा, तीस्ता सीतलवाड़, फराह नकवी जैसे हिन्दू विद्वेषी तथा सैयद शहाबुद्दीन, जॉन दयाल, शबनम हाशमी और नियाज फारुखी जैसे घोर साम्प्रदायिक शक्तियों के हस्तक हों तो विधेयक के इरादे क्या होंगे, आसानी से आप इसकी कल्पना कर ही सकते हैं। इन सब को भी प्रधान मंत्री कार्यालय के माध्यम से धन राशि मिलती है।
देश के समस्त पूज्य संतों, राजनीतिज्ञों, प्रबुध्द वर्ग तथा राष्ट्र भक्त हिन्दू समाज से अनुरोध है कि केन्द्र सरकार के इस पैशाचिक विधेयक को रोकने के लिए सशक्त प्रतिकार करें।

Thursday, July 21, 2011

कब तक यु ही जुल्म सहोगे


कब तक यु ही जुल्म सहोगे
कब तक यु ही मारे जाओगे
सारा खेल खत्म हो जायेगा
आतंकवादियों का राज हो जायेगा
देश फिर से गुलाम हो जायेगा
सपने सारे बर्बाद हो जायेगा
कब तक यु ही जुल्म सहोगे
कब तक यु हु मारे जाओगे
मुंबई हो या कश्मीर
संसद हो या जंतर मंतर
नेताओ और देशद्रोहियों में
अब नहीं है कोई अंतर
कब तक यु ही जुलम सहोगे
कब तक यु ही मारे जाओगे
जनता की ताकत दिखानी पड़ेगी
अँधेरा में भी दीप जलानी पड़ेगी
सोये हुए को जगाना है अब
फिर से राम राज्य लाना है अब
भारत को फिर से सोने की चिड़िया बनाना है अब
तुम भी चलो हम भी चले
एक एक को साथ चलना है अब
कब तक यु ही जुल्म सहोगे
कब तक यु ही मारे जाओगे
........रवि तिवारी......

Monday, July 18, 2011

संस्कृति पर हमला


किसी भी देश को अगर बर्बाद करना है तो सबसे पहले उसकी संस्कृति पर हमला करो ! नयी पीढ़ी को गलत चीज फ्री में दो ! आज कल यही हो रहा है हमारे देश में ,सारे शहर में मिशनरी स्कूल खुल गए है जहा की देश की संस्कृति और संस्कार की धजिया उड़ाई जा रही है ! आज की बच्चो को सही इतिहास नहीं बताया जा रहा है !
मेरे बड़े पापा जिनकी उम्र 92 साल है वो बताते है की अंग्रेजो के ज़माने में हमारे गाँव में गोरे ( अंग्रेज ) आते थे और सब बच्चे को पकड़ कर जबरदस्ती चाय पिलाते थे ..उस वक़्त कोई चाय नहीं पीता था ! जैसे ही गोरे आते थे गाँव में सारे गाँव में हल्ला हो जाता था की भागो गोरे आ गए ..पकड़ कर चाय पिलायेंगे ये सबको.....फिर होता क्या था की कोई अगर पकड़ में आ गया तो उसे चाय पिलाते थे वो..और जिसने एक बार चाय पिया उसे अच्छा लगा ..फिर धीरे धीरे क्या हुआ की बहुत लोग चाय पिने लगे ! सबको अच्छा लगा चाय और अब चाय एक जरुरत हो गयी है सबके लिए !
कहने का मतलब की एक बार गलत आदत लग गयी और आज जरुरत बन गयी! यही हाल हो गया है आज के नौ जवानों की उनसे देश की बात करो तो उन्हें ये सब फालतू बात लगती है ! क्योकि उन्हें पश्चिम देशो की कंपनियों ने पंगु बना दिया है कॉल सेंटर में काम करवा करवा कर...5 दिन काम और 2 दिन मस्ती...शराब ,स्मैक , बियर या सब उनकी जरुरत बन गयी है !
देश की एक पीढ़ी बेकार हो चुकी है और इसको बेकार करने में सबसे बड़ा हाथ है इसाई मिशनरी का ...एक साजिश के तहत विदेशी कंपनिया भारत में आई और अपने लक्ष्य में सफल रही है !
मुल्ले सीधे वार कर रहे है और ये जड़ को खोखला कर रहे है !आज भारत की जनता परेसान है इन मुल्लो के करतूत से लेकिन सरकार भी कुछ नहीं करती और ऐसे निक्कमे सरकार से कुछ आशा करने भी बेकार है !
लेकिन आज की युवा पीढ़ी बहुत कुछ कर सकती है लेकिन पता नहीं उनके दिमाग को क्या हो गया है , उन्हें तो MTV, FAISHON TV, V CHANNEL ,में ही मन लगता है ! लेकिन ऐसे भी बहुत युवा है आज देश में जो काम कर रहे है जिन्हें यह सब बर्दाश्त नहीं !
वैसे ही कुछ युवा ने दिग्गी रजा को उज्जैन में धमकाया और काले झंडे दिखाए !
लेकिन सिर्फ इतने लोगो से कुछ नहीं होगा , जरुरत है सबको आगे आने की और एक साथ चलने की ! अगर नहीं आये तो वो दिन दूर नहीं जब हमारा देश एक बार फिर से गुलाम हो जायेगा और हम देखते ही रह जायेंगे

Sunday, July 17, 2011

लव जेहाद


आज कल भारत में कुछ ऐसे संगठन काम कर रहे है..जो हमारे जड़ को खोखला करने में लगे हुए है , अगर मै लोगो को समझाता हु तो लोग मुझे ही समझाने लगते है की तुम इसके विरोधी हो , उसके विरोधी हो..फिर भी कोई कुछ बोले मै अपना काम करता रहूँगा !

लगभग देश में 8000 ऐसे आतंकवादी आये हुए है जिनका निशाना लड़किया है ....और तरीका सब से अलग है !

आज कल ज्यादा लोग अपने मोबाईल की इ रिचार्ज करा रहे है ,लड़किया भी, जैसे ही लड़की दूकान पर जाती है और बोलती है की मेरा मोबाईल रिचार्ज कर दो १००/२०० रुपये से .. दूकानदार लड़की से उसका नंबर अपने कॉपी में लिख लेता है फिर रिचर्ज कर देता है..अब दूकानदार को पता चल गया की यह नंबर एक लड़की का है ..फिर ऐसे नंबर आतंकवादी संघटन के पास चला जाता है ..इसके बदले में दूकान वाले को पैसा मिलता है !

फिर उस लड़की की मोबाईल पर कॉल आने लगता है..कभी रौंग नंबर , कभी दोस्ती के बहाने ..पटाने का पासा फेका जाता है ..अगर 100 में से एक भी लड़की उनसे पट गयी तो उनका मकसद कामयाब ...........पहले दोस्ती, फिर झूठा प्यार , फिर शादी का झासा .....लड़की को ऐसा किया जाता है की वो शादी कर ले या घर से भाग जाये उसके बाद धरम परिवर्तन पहले....फिर 2 / 3 महीने के बाद वो लड़का अचानक भाग जाता है ...उसके बाद लड़की का जीवन बर्बाद ...फिर लड़के के दोस्त आयेंगे और बोलेंगे की उम भी हमारे मिशन में शामिल हो जाओ...

इसलिए आप सब से निवेदन है की इ रिचार्ज नहीं कराये..सिर्फ कूपन से ही कराये रिचार्ज

यह बात अपने घर में और सभी जानने वाले को बताये और सतर्क रहे !

जय श्री राम

जय भारत ..!!

Friday, July 15, 2011

बहुत बड़ी साजिश


एक बहुत बड़ी साजिश के तहत भारत की फिर से गुलाम बनाने की प्रकिर्या चल रही है ! खासकर जब से इस देश की मालकिन सोनिया हो गयी है ! उसने ऐसा प्लान तैयार किया है की सबको अपना गुलाम बना ली है ..चाहे वो प्रधानमंत्री हो या कोई भी मंत्री ...बिना सोनिया के आज कल पत्ता भी नहीं हिलता है देश में और राहुल विन्ची का बयान भी देखिये मुंबई के बम बिस्फोट के बाद " इतने धमाके तो ईराक में रोज होते रहते है " ...!
उस वेबकुफ़ को यह नहीं पता की यह भारत है ईराक नहीं है ! जब से देश पर इनका राज हो गया है इन्होने इसाई मिशनरी को बढ़ावा खूब दिया है और लुथरल चर्च वालो ने 45000 करोड़ रुपया भारत में भेजा है धरम परिवर्तन के लिए ! देश में 6% इसाइयों की जनसँख्या में बढ़ोतरी हुयी है पिछले कुछ सालो में ...वो अपने मकसद में कामयाब हो रहे है ! अन्दर ही अन्दर उनका काम जोरो से चल रहा है !
झारखंड , आसाम , केरल , बंगाल के भीतर बिलकुल ही सुदूर गाँव में जाकर देखिये हर जगह हर गाँव में आपको चर्च मिल जायेगा ! गरीब लोगो को पैसा के बल पर वेवकूफ बाबा कर इसाई बनाया जा रहा है !
मै तो मानता हु की इसमें सबसे बड़ा हाथ सरकार की है और सोनिया की !
लेकिन, हमारे हिन्दू भाई की भी भूमिका इसमें कम नही है ..चाहे वो देश के मंत्री हो या गाँव का एक मुखिया ! खैर, इनको एक दिन समझ में आएगा जब मामला हाथ से निकल जायेगा ! अब भी मौका है संभल जाओ और एक हो जाओ !
जिस दिन हम हिन्दू भाई एक हो गए उस दिन से ये ईराक की तरह भाग जायेंगे अपनी दूकान बंद कर के , आज ईराक से सारे इसाई भाग चुके है !
ईराक के प्रवासी और स्थानान्तरण मन्त्री पास्केल इको वारदा ने अनुमान लगाया है कि 1अगस्त के बम विस्फोट के बाद दो सप्ताह में 40,000 ईसाइयों ने ईराक छोड़ दिया है.
ईराक में ईसाई स्वामित्व वाली शराब की दुकानों, फैशन स्टोर, सौन्दर्य प्रसाधन सैलूनों पर हमले कर उन्हें बन्द करा दिया गया . ईसाई महिलाओं को डराया कि वे इस्लामी अन्दाज में अपने सिर ढंकें. बिना किसी बिशेष कारण के ईसाइयों की हत्या की गई. मुझे तो ऐसा लगता है की जब भारत में भी हम ऐसा कदम नहीं उठाएंगे ये बरगद की जड़ की तरह अपना पैर फैलाते रहेंगे !
जरुरत है इन सबको जड़ से उखाड़ फेकने की ! इस गंदगी को देश से बाहर निकालने की !

Thursday, July 14, 2011

सेकुलर


मेरे बहुत सारे मित्र मेरी बुराई करते है ..बोलते है की तुम कट्टर हिन्दू हो ! क्या यह गुनाह है ? मै भारत का नागरिक हु , मै देवी देवताओ का पूजा करता हु , मै अपने सनातन धरम को मानता है ! क्या मुझे यह नहीं मानना चाहिए ?
आज तक किसी ने यह क्यों नहीं बोला की मुल्ले तुम रामायण पढो ! इसाई तुम गीता पढो ! ऐसा नहीं बोल सकते क्योकि किसी की हिम्मत नहीं है ! लेकिन जो भी नियम कायदा लगाना है हिन्दू पर ही लगाने की कोशिश करते है ! चाहे वो नेता हो या सरकार हो !
लेकिन एक बात जान लो की मुल्ले और इसाई कभी तुम्हारे नहीं हो सकते ! किसी का स्वाभाव तुम नहीं बदल सकते ..पानी का काम है हमेशा बहना तो बहेगा ही! साँप को जब मौका मिलेगा तो काटेगा ही !
तुम क्यों सेकुलर बन रहे हो ? पुरे देश को पता है की मुंबई में विस्फोट किसने कराया है फिर भी मीडिया से लेकर सरकार तक यही पता लगा रही है की विस्फोट में किसका हाथ था ! अरे, अब भी देश के जनता को गुमराह करना बैंड कर दो मंद मोहन सिंह !
यही हाल रहा तो एक दिन इस देश पर इसाइयों और मुल्लो का कब्ज़ा हो जायेगा , सारे आतंकवादी को सरकार अपना दामाद बना कर खिलाएगी और हिन्दू की बहन बेटियों को सरे आम नंगा किया जायेगा ! फिर भी ये सेकुलर अपनी बात पर अड़े रहेंगे की मुल्ले भाई है हमारे गले लगाओ इनको ! अरे, ये एक दिन गले ही काटेंगे ! या कभी भाई नहीं हो सकते कसाई है और कसाई ही रहेंगे !

देश में बम धमाका



देश में बम धमाका तो अब आम बात हो चुकी है ! सरकार भी कुछ नहीं कर रही है ! धमाके स्थल पर जाकर मुवावजा का एलान कर दिया और बाद घायल लोगो को जाकर अस्पताल में देख लिया ..बस सरकार की खानापूर्ति हो गयी .! देश की पब्लिक भी कुछ दिन के बाद शांत हो जाती है !
लेकिन ऐसा कब तक..? कब तक हमारे भाई लोग मारे जायेंगे? कब तक माताओ और बहनों का सिंदूर उजाड़ा जायेगा ? क्या हम नपुंसक हो गए है ?
सबसे पहले हमें एक जुट होना होगा ..आपस की लड़ाई को भूल के एक साथ इस के खिलाफ आवाज़ उठानी होगी और मुझे यह भी पता है की जिस दिन हम एक साथ इकठा हो गए और अपने प्राणों की चिंता किये बगैर इस लड़ाई में अगर लड़ने लगे तो हम इस निक्कमी सरकार को उखाड़ फेक सकते है !
यह सरकार तो इसाइयों और मुस्लिमो से मिल चुकी है ..दिग्गी रजा हो या राहुल विन्ची सबका बयान ऐसे आ रहा है की देश में कुछ हुआ ही नहीं है ! बोलता है की इतना तो होते रहता है , हम नहीं रोक सकते बोम विस्फोट ..अरे तो तुम्हे क्या अधिकार है इस देश की जनता का प्रतिनिधित्व करने का ?
जाओ गद्दी छोड़कर बाहर जाओ !

जय हो , जय हो, जय हो, जय हो , जय हो
भारत के भाग्य विधाता तेरी सदा ही जय
भगत,चंद्रशेखर,आज़ाद तेरी सदा ही जय
देश के लिए शहीद होने वाले तेरी सदा ही जय
हम सबको सुख शांति देने वाले
अमन -चैन की जीवन देने वाले तेरी सदा ही जय
लेकिन अब ,
इस देश के लुटेरे का क्या कहना
कोई इनको जूते की माला पहना
जनता की आवाज़ सारे फोन में खा गए
2 G हो या ३ G सब खा गए जी
सारा खेल चौपट कर गए जी
खेल खेल में रास्ट्र का मंडल खा गए जी
थोडा ही नहीं बण्डल के बण्डल खा गए जी
मंद मोहन हो या कालमाडी या हो कानी मोझी
किसी ने भी जनता की दर्द नहीं बुझी
अबकी तुम भी मत चुप रहना ऐ भैया
बैलेट की ताकत दिखा देना ऐ भैया
इन हरामखोरो की धुल चटा देना ऐ भैया
इन लुटेरो का राज मिटा देना ऐ भैया
इन लुटेरो का राज मिटाना देना ऐ भैया
............रवि तिवारी.........