Monday, February 4, 2013

शर्म करो धर्मनिरपेक्षी हिंदुओं !!!


मैं उस दोगले विचार वाले हिंदू से पूछना चाहता हूँ कि जब अपने भाई से बँटवारे के बाद अपने सगे भाई के किसी जरूरत को पूरा करने का दायित्व निभाना नहीं चाहते हो तो आखिर एक मुस्लिम के लिए अपने जुबान से भाईचारा की बात क्यों करते हो!
मुस्लिम जो खुद का सगा नहीं है वो तुम्हारा क्या होगा..
कुबुद्धिजीवी लोग क्यों हिंदू-मुस्लिम एकता की बात करते हैं, क्यों हिंदू-मुस्लिम भाई भाई और गंगा जमनी तहजीब की बात करते हैं........जबकियह दूर दूर तक संभव ही नहीं है.!
जब भाई भाई थे तो पाकिस्तान क्यों बना ?
जब भाई भाई थे तो कश्मीरी पंडितों का पलायन और नरसंहार क्यों हुआ?
क्या कभी सूरज और चाँद एक हो सकते हैं ?
क्या कभी गाय को माता मानने वाले और दूसरी तरफ गाय का क़त्ल करने वालों में एकता हो सकती है ?
इस्लाम के अतिरिक्त हर धर्म के उपासक को काफिर मानने वालों से एकता हो सकती है ?
भारत माता के लिए सिर कटाने वाले और भारत माता को डायन कहने वाले के बीच एकता हो सकती है ?
हिंदू भाइयों मान लो इस बात को जो संभव ही नहीं है.
शर्म करो धर्मनिरपेक्षी हिंदुओं !!!

साध्वी प्रज्ञा के साथ अन्याय कब तक ??


साध्वी प्रज्ञा के साथ अन्याय कब तक ??
कब तक ऐसा चलेगा ? कब तक साध्वी को जुल्म सहना पड़ेगा ? क्यों जुल्म सहना पड़ेगा ?
हिन्दू है इसलिए ? हिन्दू होने की सजा कब तक मिलेगी ?
आज आप खुद देखे एक तरह किसी को बिरयानी और कबाब मिल रहा है तो किसी को मानवीय यातनाये दी जा रही है !
साध्वी प्रज्ञा के बारे में सिर्फ इतना ही कहना चाहूँगा की एक “धर्मनिरपेक्ष” देश में तुम इसी सलूक के लायक हो, क्योंकि हमारा देश एक “सेकुलर राष्ट्र” कहलाता है। साध्वी प्रज्ञा, तुम पर मालेगाँव बम विस्फ़ोट का आरोप है…। ब्रेन मैपिंग, नार्को टेस्ट सहित कई तरीके आजमाने के बावजूद, बम विस्फ़ोट में उनकी मोटरसाइकिल का उपयोग होने के अलावा अभी तक पुलिस को कोई बड़ा सबूत हाथ नहीं लगा है, इसके बावजूद तुम पर “मकोका” लगाकर जेल में ठूंस रखा है और एक महिला होने पर भी आप जिस तरह खून के आँसू रो रही हैं… यह तो होना ही था।
हिन्दू मर चुके है ....एकता नहीं है....शांत हो चुके है ....
सेकुलर देश में साध्वी के साथ अमानवीय व्यवहार कर के पुरे विश्व को सन्देश दिया जा रहा है सेकुलिरिज्म का !